भारत की नहरें
1. पश्चमी यमुना नहर -> फिरोजशाह तुगलक द्वारा 14 वीं शताब्दी में हरियाणा में बनायी गयी है। 2. सरहिन्द नहर (615 किलोमीटर)-> पंजाब में सतलज नदी से रोपड़,हरियाणा नामक स्थान से निकाली गयी है। 3. ऊपरी दोआब नहर (4900 किलोमीटर) -> सन 1818 ई. में पंजाब के माघोपुर में रावी नदी से निकाली गयी हैं। इसकी मुख्य शाखायें लाहौर, कसूर और सबरों है। 4. नांगल विधुत नहर (64 किलोमीटर)-> भाखड़ा बांध स्थल से नांगल तक सीमेंट की बनी हुई है। 5. विस्ता दोआब नहर(145किलोमीटर)-> सतलज नदी से नोवा नामक स्थान से निकाली गई है। 6. भाखड़ा नहर( (864 किलोमीटर) -> सतलज नहर से रोपड़ के निकट नांगल विधुत नहर का जल इसमें गिराया जाता है। यह नहर अपनी प्रशाखाओं सहित 3360 किलोमीटर लंबी है। 7.पूर्वी यमुना नहर (1440 किलोमीटर) -> 1931 ई. में उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले में फैज़ाबाद के निकट यमुना के बाएं किनारे से निकली है जो दिल्ली तक यमुना के समानांतर है। और ओखला के पास के पास यमुना नदी में मिल गयी है। 8. आगरा नहर (1600 किलोमीटर) -> यमुना नदी के दाएं ओखला नामक स्थान से निकाली गई है यह दिल्ली, मथुरा, आगरा, गुड़गांव, भरतपुर तक फैली हुई है। 9. ऊपरी गंगा नहर ( 5640.किलोमीटर) -> 1842 से 1856 ई के मध्य गंगा नदी के दाहिने किनारे से हरिद्वार के पास निकाली गई है। 11 जगहों पर कृत्रिम प्रपात बनाकर बिजली बनाई जाती हैं। 10. निचली गंगा नहर (8800 किलोमीटर) -> 1872 ई. से 1878 ई. के मध्य गंगा नदी से नरौरा के निकट निकाली गई है। इसकी दो शाखाएं कानपुर और इटावा के पास है। 11. शारदा नहर (12,368 किलोमीटर) -> यह नहर गोमती नदी से ‘बनवासा’ नामक स्थान से निकाली गई है। इस नहर पर जल विद्युत शक्ति उत्पन्न करने के लिए फातिमा शक्ति केंद्र बनाया गया है। 12. बेतवा नहर -> बेेतवा नदी से 24 किलोमीटर दूर परिच्छा नामक स्थान से निकलने के बाद झांसी ,जालौन, हमीरपुर तक है।